उत्तराखंड

कैडेट्स ने सीखा, कैसे बनाई जाती है ड्रम और प्लास्टिक की बोतलों से राफ्ट

युवा आपदा मित्र परियोजना के तहत एनसीसी कैडेट्स ने सीखे बाढ़ से बचाव के व्यावहारिक तरीके

देहरादून। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) द्वारा संचालित युवा आपदा मित्र परियोजना के अंतर्गत एनसीसी कैडेट्स के लिए आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन कैडेट्स को बाढ़ से बचाव और राहत कार्यों की तकनीक सिखाई गई।

दूसरे दिन के प्रशिक्षण में एनडीआरएफ (NDRF) के इंस्पेक्टर दीपक ने कैडेट्स को बाढ़ से संबंधित खतरों, उनसे बचाव के उपायों और आपात स्थिति में किए जाने वाले प्राथमिक कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीमित संसाधनों में भी राहत कार्य संभव है, यदि स्थानीय सामग्री जैसे प्लास्टिक की बोतलें, बांस, रस्सी और ड्रम का सही उपयोग किया जाए। एनडीआरएफ टीम ने现场 पर इम्प्रोवाइज्ड फ्लोटेशन डिवाइसेज़ (तैरने वाले उपकरण) बनाकर इसका व्यावहारिक प्रदर्शन किया।

कैडेट्स ने केरोसिन टिन, चारपाई, बांस, बैरल, केले के पेड़, ट्यूब और पानी की बोतलों से राफ्ट बनाने की विधि सीखी। साथ ही थर्मोकोल से लाइफ जैकेट तैयार करने और डूबते व्यक्ति को बचाने की विभिन्न तकनीकें — रीच विधि, थ्रो विधि, वेड विधि, वेट रेस्क्यू और कांटेक्ट टो रेस्क्यू — भी सिखाई गईं।

पहले सत्र में मास्टर ट्रेनर मनोज कंडियाल ने आपदा प्रबंधन की मूल अवधारणाओं, आपदाओं के प्रकार, उनकी गंभीरता और युवाओं की भूमिका पर चर्चा की।

इस प्रशिक्षण का उद्देश्य युवाओं को सजग, सक्षम और उत्तरदायी नागरिक बनाना है, ताकि वे आपदा के समय स्वयं की और दूसरों की रक्षा कर सकें तथा समाज में आपदा जोखिम को कम करने में सहयोगी बनें।

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