बीमित ऋण पर विधवा को प्रताड़ित करने पर प्रशासन सख्त
एचडीएफसी आरगो जीआईसी पर 8.11 लाख की आरसी, 5 दिन में ऋण माफी का निर्देश, ऋण–बीमा धोखाधड़ी पर डीएम की चेतावनी—सम्पत्ति कुर्की व शाखा सील तक की कार्रवाई संभव
देहरादून, हमारु अपणु उत्तराखंड। जनपद देहरादून में ऋण–बीमा धोखाधड़ी के लगातार बढ़ते मामलों पर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए एचडीएफसी आरगो जीआईसी लिमिटेड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बीमित ऋण होने के बावजूद 09 वर्षीय मासूम बेटी की विधवा माँ सुप्रिया नौटियाल को प्रताड़ित करने के मामले में जिलाधिकारी सविन बंसल ने कंपनी पर 8,11,709 रुपये की आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी करते हुए 5 दिनों के भीतर ऋण माफी के आदेश दिए हैं। निर्धारित समय में ऋण माफ न होने की स्थिति में उक्त कंपनी की संपत्ति कुर्क कर नीलामी की कार्रवाई लागू की जाएगी।
फरियादी सुप्रिया नौटियाल ने 15 नवंबर को जिलाधिकारी से शिकायत की थी कि उनके दिवंगत पति प्रदीप रतूड़ी ने वाहन क्रय हेतु एचडीएफसी आरगो जीआईसी से 8.11 लाख रुपये का ऋण लिया था। ऋण के साथ अनिवार्य बीमा पॉलिसी (पॉलिसी नंबर CI 24-14680 व सर्व सुरक्षा प्लस क्लेम नंबर RR-CI 24-14680891) भी ली गई थी। सुप्रिया ने बताया कि बीमा से संबंधित दस्तावेज कभी उपलब्ध नहीं कराए गए और पति की मृत्यु के बाद भी कंपनी द्वारा उनसे जबरन ऋण वसूली का दबाव बनाया जा रहा था। वाहन उठाने की धमकी से भयभीत होकर उन्होंने डीएम से न्याय की मांग की।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे बीमा धोखाधड़ी का स्पष्ट मामला माना और कंपनी के विरुद्ध राजस्व वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे सभी प्रकरणों में सख्त कार्रवाई होगी—सम्पत्ति कुर्की, नीलामी से लेकर संबंधित बैंक शाखाओं तक को सील किया जा सकता है।
प्रशासन के अनुसार कई अन्य बैंक व बीमा कंपनियाँ भी डीएम के रडार पर हैं, जो बीमित ऋण होने के बावजूद उपभोक्ताओं को प्रताड़ित कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने तहसीलदार सदर को निर्देश दिए हैं कि एचडीएफसी आरगो जीआईसी लिमिटेड से निर्धारित राशि की वसूली भू-राजस्व की भाति सुनिश्चित की जाए।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ऋण–बीमा धोखाधड़ी पर अब किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी और जनमानस के हितों की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।


